बिटिया रानी बड़ी सयानी खाए रोटी, पीती पानी...! बिटिया रानी बड़ी सयानी खाए रोटी, पीती पानी...!
दर्द को पीना होता है तभी तो मानव जीता है । दर्द को पीना होता है तभी तो मानव जीता है ।
I am deleting my poems. I am deleting my poems.
घी में भुनती, रेत सी महीन सूजी की मर्म चुम्बन करती। घी में भुनती, रेत सी महीन सूजी की मर्म चुम्बन करती।
नानी के घर जाकर हमको भरपेट दूध-मलाई है खानी। नानी के घर जाकर हमको भरपेट दूध-मलाई है खानी।
ये गर्लफ्रेंड और ब्वायफ़्रेंड वाले लोग लुप्त क्यो नहीं होते हैं ! ये गर्लफ्रेंड और ब्वायफ़्रेंड वाले लोग लुप्त क्यो नहीं होते हैं !